Tuesday, April 1, 2025

2 -90 श्री राम टेकड़ी मंदिर रतनपुर


रतनपुर शहर में पहाड़ी पर श्रीराम ने निवास किया था। पहाड़ी पर ऊँचे मंदिर में श्रीराम के पैर के अँगूठे से गंगाजी प्रवाहित हो रही हंै।

श्री रामचरित मानस के अनुसार श्रीसीता राम जी सुतीक्षण मुनि आश्रम से सीधे अगस्त्य मुनि के आश्रम (अगस्त्येश्वर मंदिर) गये। अतः वहाँ तक मानस से कोई संदर्भ नहीं मिलते। गोस्वामी जी द्वारा वर्णित सकल मुनि (मा.3/9 दोहा) दण्डक वन में थे। उनकी चर्चा जन श्रुतियों के आधार पर ही करेंगे। क्योंकि उन सकल मुनियों के नाम, ग्राम, आश्रम आदि का कोई वर्णन नहीं दिया है। हां जन श्रुतियांें में वे आश्रम आज भी जीवंत है तथा उनके सभी स्थलों पर अवषेष तथा लोक कथाएँ मिलती हंै।रामायण के अरण्य काण्ड के 8,9,10 अध्यायों के अनुसार श्रीराम सुतीक्ष्ण आश्रम से प्रस्थान करते हैं। मार्ग में राक्षसों के वध संबधी प्रतिज्ञा पर मां सीता  से श्रीराम चर्चा करते हैं। इन अध्यायों में केवल यही चर्चा हैं। मार्ग का कोई संकेत नहीं है। इन दस वर्षांे में प्रथम संकेत पंचाप्सर का मिलता है।

संकेत के रूप में वा.रा. 3/11/21 से 28 तक देखें।

राम टेकाडी से पैसर घाटः-नवातालाब -मोहतराई-गटौरी-बिलासपुर-व्यापारविहार-दर्राघाट-किरारी- मुद्तपुर-टेकरी-चिलहटी-जोंधरा-दीपापारा-सेमरिया-चंगोरी-पैसर। राष्ट्रीय राजमार्ग-111 से 99 कि.मी.

Sharing is caring!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *