2-2 मणि पर्वत अयोध्या फैजाबाद उत्तर प्रदेश
भगवान राम और माता जानकी के विवाह अवसर पर मिथिला नरेश जनक जी ने दहेज के रूप में बहुत बड़ा खजाना तथा रत्न व मणियाँ दान में दी थी। विवाहोपरांत बाराती के साथ मिथिला से चले भारवाहक दहेज का सामान लेकर अयोध्याजी पहुँचे । उन्होंने जिस स्थान पर रत्न और मणियों को रखा वहां पर्वत के समान ढेर लग गया था।
आज भी इसे मणि पर्वत कहते हैं। यहां श्री सीताराम जी सावन में झूला झूलने आते थे। आज भी हरियाली तीज को झूला की परम्परा है।
ग्रंथ उल्लेख
वा.रा. 1/74/3 से 7 तक मानस 1/325-1 से 4 तक
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