2-163 सिद्धेश्वर प्रवरा संगम अ नगर महाराष्ट्र
सिद्धेश्वर प्रवरा संगम पर ये तीर्थ है । लोक विश्वास के अनुसार हरिण रूपी मारीच श्रीराम से डरकर यहाँ छुप गया था। शिव कृपा से श्रीराम को मारीच को ढूँढने में सिद्धता प्राप्त हुई थी। इसलिए यहाँ सिद्धेश्वर मंदिर की स्थापना हुई।
गोस्वामी तुलसी दास जी ने मारीच वध का पूर्ण विवरण 3/26/6 से 3/27/1 तक दिया है।
इसी प्रकार वाल्मीकि रामायण में इन स्थलों का वर्णन इन श्लोकों में दिया है। 3/44/1 से 3/44/22
टिप्पणीः-प्रवरा संगम से ठाणः- सिद्धेश्वर-गंगापुर-वैजापुर- येवला-नेफाड़-ठाण। महाराष्ट्र राज्य राजमार्ग 30 तथा वैजापुर-गंगापुर रोड़ से 128 कि.मी.
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