श्री राम की लीला भूमि के विकास के लिये एकजुट हों दुनिया भर के रामभक्तः आलोक कुमार
दिल्ली 06 अप्रैल : न्यास संवाददाता
भारतीय नव वर्ष के आरंभ पर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को विश्व हिंदू परिषद मुख्यालय नई दिल्ली में आयोजित राम भक्तों को संबोधित करते हुए परिषद के अंतराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आह्वान किया कि श्री राम की लीला भूमि के व्यापक प्रचार प्रसार के लिये दुनिया भर के रामभक्त एक जुट हों ।
श्री राम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास की ओर से श्री राम वन यात्रा एप और वेबसाइट को लॉँच करते हुए श्री कुमार ने कहा कि डॉ राम अवतार पिछले 46 वर्षों से श्री राम के वनगमन तीर्थों पर शोध कर रहे हैं । शोध के निष्कर्ष रूप में जिन तीर्थों की पहचान सुनिश्चित हुई है उनके बारे जागरूकता समय की मांग है ।
श्री कुमार ने कहा कि आज से भारतीय नव वर्ष आरंभ हो रहा है लेकिन हमारे बच्चे इससे अपरिचित हैं उन्हें पता ही नहीं कि शक संवत अथवा विक्रम संवत की महत्ता क्या है । उन्होंने कहा कि हमारे विद्यालयों में जो संस्कार दिये जा रहे हैं और शिक्षा की जो पद्धति है उसमें परिवर्तन की आवश्यकता है ।
इस अवसर पर वेबसाइट और एप के बारे में जानकारी देते हुए न्यास के प्रबंध निदेशक डॉ राम अवतार ने कहा कि इस वेबसाइट और एप के माध्यम से दुनिया भर के श्री राम मंदिरों को एक सूत्र में जोड़ने की योजना है । उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट पर भगवान राम से संबंधित प्राचीन और नवीन सभी प्रकार के आस्तिक साहित्य का विवरण रखा जायेगा । विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध रामायण और रामलीला के स्वरूपों की जानकारी दी जायेगी । उन्होंने कहा कि श्री राम वन यात्रा एप के माध्यम से पहली बार दुनिया की सभी रामलीला कमेटी एक साथ जुड़ सकती हैं । इसके अलावा रामजी के सभी मंदिरों को भी एक सूत्र में आबद्ध करने का प्रयास किया जायेगा ।
डॉ राम अवतार ने लोगों से ये एप डाउनलोड करने और इसके प्रचार प्रसार के लिये सहयोग की अपील भी की ।
समारोह को विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ अधिकारी श्री कोटेश्वर जी और अन्य गणमान्य लोगों ने भी संबोधित किया ।
विश्व हिन्दू परिषद मुख्यालय में आयोजित समारोह में बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया ।
मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
बायें से डॉ यू के चौधरी, गोभक्त सुभाष सेठी, भूपेनद्रजी, माननीय आलोक कुमार, डॉ रामअवतार , श्री बुबना जी, श्री प्रमोद अग्रवाल जी और श्री हितेन्द्र संगल जी
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