Wednesday, October 23, 2024

2-206 कोदण्ड श्रीराम मंदिर चुन-चुन कट्टे

कृष्ण राज नगर के निकट कावेरी नदी के किनारे चुन्चा-चुन्ची नामक राक्षस दम्पति को श्रीराम ने उचित शिक्षा देकर सात्विक बनाया था तथा उनसे ऋषियों की रक्षा की थी।

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2-207 धनुष कोटि, मेलुकोटे

वानर सेना ने मेलुकोटे नामक स्थान पर जलपान किया था। नगर से 3 कि.मी. दूर जंगल में एक पहाड़ी पर श्रीराम के बाण द्वारा बनाया गया जल स्रोत आज भी है। वा.रा. 6/4/9 से आगे पूरे अध्याय मानस 5/34/2 से 5/34/छं 2 तक धनुष कोटि से शिव मंदिरः- मेलुकोटे- मलवली-सत्यगाला, एस.एच 47 – 95 कि.मी.

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2-208 शिव मंदिर गावी रायन बेटटा

लंका पर चढ़ाई करते समय श्रीराम ने गावी दैत्य का वध किया था। फिर उन्होंने शिव पूजा की तथा राजा दशरथजी का श्राद्ध किया था। सत्यगाला से 3 कि.मी. दूर प्र्रेत पर्वत पर भगवान शिव मंदिर पर आज भी स्थानीय लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने आते हैं।

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2-233 चक्रतीर्थ अनागुंडी ( हम्पी )

तुंगभद्रा नदी यहाँ धनुषाकार घुमाव लेती है। इसे चक्रतीर्थ कहा जाता है। जब श्रीराम पुष्पक विमान से अयोध्या जा रहे थे तब मां सीता के आग्रह पर विमान यहां उतारा था। बाद में सुग्रीव ने यहां कोदण्ड राम मंदिर बनवाया था।

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