Wednesday, April 2, 2025

2-165 बाणेश्वर मंदिर कोठरे नेफाड नासिक महाराष्ट्र

कोठरे नेफाड से 10 कि मी. पूर्व दिशा में गोदावरी के किनारे बाणेश्वर मंदिर है। लोक कथा के अनुसार यहाँ खड़े होकर श्री राम ने मारीच को बाण मारा था। वा.रा. 3/44/1 से 3/ 44/ 22, मानस 3/26/6 से 3/27/1 तक नोटः- बाणेष्वर कोठुरे तथा बाणेष्वर, नांदूर, मृगव्याधेेश्वर, मध्यमेश्वर पास-पास में ही हैं।

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2-166 बाणेश्वर नांदूर नासिक महाराष्ट्र

नांदूर मध्यमेश्वर में गोदावरी के किनारे बाणेश्वर मंदिर है। लोक कथा के अनुसार यहाँ खडे़ होकर श्रीराम ने मारीच को मारा था।

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2-167 मृग व्याधेश्वर नासिक महाराष्ट्र

लोक मान्यता के अनुसार यहाँ मारीच को बाण लगा था और उसके टुकडे़-टुकडे़ हो गये थे। यह स्थल नेफाड़ से 12 कि.मी. पूर्व दिशा में है। वा.रा. 3/44/1 से 3/44/22 तक मानस 3/26/6 से 3/27/1 तक

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2-168 मध्यमेश्वर नांदूर नासिक महाराष्ट्र

मध्यमेष्वर नांदूर मारीच ने बाण लगने के बाद श्रीराम की आवाज की नकल करते हुए लक्ष्मणजी से सहायता की गुहार की थी। सीता मां कीप्रेरणा से लक्ष्मण जी श्रीराम से मिलने गए तब मध्यमेश्वर में श्रीराम एवं लक्ष्मण जी की भेंट हुई थी।

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2-169 रामेश्वर खाण्ड गांव नासिक महाराष्ट्र

एक लोक कथा के अनुसार जब श्रीराम ने मारीच को बाण मारा तो उसके टुकड़े-टुकडे़ हो गये। उसका धड़ काय गांव में गिरा और सिर टोक गाँव में गिरा। मराठी में टोक अर्थात् मुण्डी। यहाँ भी श्रीराम द्वारा स्थापित शिव मंदिर है। वा.रा. 3/44/1 से 3/44/22 तक बाणेश्वर नांदूर मानस 3/26/6 से 3/27/1 तक।

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2-170 रामेश्वर मंदिर कायगांव नासिक महाराष्ट्र

गोदावरी के किनारे गंगापुर तालुका में श्रीराम द्वारा स्थापित भगवान शिव का रामेश्वर मंदिर है। लोकमान्यता के अनुसार श्रीराम के बाण से मृत मारीच का धड़ (काया) यहाँ गिरा था। वा.रा. 3/44/1 से 3/44/22 तक मानस 3/26/6 से 3/27/1 तक। नोटः- घटेश्वर, मुक्तेश्वर आस-पास ही हैं।

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2-171 घटेश्वर प्रवरा संगम अ नगर महाराष्ट्र

मारीच को मारने के पश्चात् श्रीराम ने गोदावरी तथा प्रवरा के पवित्र संगम पर घट स्थापित कर शिव पूजा की थी।

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2-173 सर्वतीर्थ घोटी ताकेद नासिक महाराष्ट्र

सीताजी का हरण कर ले जा रहे रावण का जटायु से युद्ध हुआ था। श्रीराम ने उनका अग्नि संस्कार किया तथा जलांजलि दी। नासिक से 58 कि.मी. घोटी के पास ताकेद गाँव में सर्वतीर्थ वही पवित्र स्थल है।

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2-174 बालुकेश्वर मंदिर, मालाबार हिल्स मुम्बई

श्रीराम सीतान्वेषण करते हुए मुंबई में समुद्र तट तक आये थे। यहाँ उन्होंने बालू के शिवलिंग की स्थापना की थी तथा बाण से मीठे जल का स्रोत बनाया। वहीं आज बालुकेश्वर मंदिर है तथा मीठे जल का स्रोत अजस्र प्रवाहित हो रहा है।

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