Friday, April 18, 2025

2-141 सीता मंदिर रालेगांव यवतमाल महाराष्ट्र

राले गाँव में सीता मन्दिर बना है। सीताजी के श्राप से अभी भी इस गाँव में गेहूँ पैदा नहीं होता। वनवास काल की श्री सीता रामजी से संबंधित कई कथाएं प्रचलित हैं। टिप्पणी क्र.स 141 के मार्ग के लिए पृष्ठ 113 स्थल को 226 देखे। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे।

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2-142 शरभंग आश्रम यवतमाल महाराष्ट्र

शरभंग आश्रम यवतमाल जिले में नांदेड़ की सीमा के निकट उनकेश्वर नामक स्थल पर शरभंग ऋषि का आश्रम है। यहाँ श्रीराम, लक्ष्मण तथा सीताजी आये थे। श्रीराम ने ऋषि के कुष्ठ को शांत करने के लिए अग्निबाण से गर्म जल का स्रोत बनाया था जो आज भी निरन्तर बह रहा है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल […]

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2-143 जमदग्नि आश्रम, नांदेड़ महाराष्ट्र

नांदेड़ जिले में माहुर नामक स्थान से 9 कि.मी. दूर पाँच पर्वत शिखरों पर जमदग्नि, अनसूया, अत्रि, दत्तात्रेय आदि के 5 मंदिर हैं। पास ही सर्वतीर्थ, उपझरा कुण्ड, अम्ब कुण्ड, मातृ तीर्थ, गणेश मंदिर तथा रेणुका मंदिर हंै।

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2-144 रामेश्वर माहुर नांदेड़ महाराष्ट्र

रामेश्वर माहुर अत्रि आश्रम जमदग्नि आश्रम तथा दत्तात्रेय आश्रमों में भ्रमण के पश्चात् श्रीराम ने एक दिन यहां विश्राम किया तथा यहां उन्होंने भगवान शिव की पूजा की थी। उनकी स्मृति में आज भी यहां शिव मंदिर स्थापित है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। रामेश्वर से मुर्डेश्वर मंदिर पंचाप्सरः- माहुर-पिम्पलगांव- […]

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2-145 मुर्डेश्वर मंदिर रिठद वासिम महाराष्ट्र

श्रीराम एवं भोले बाबा परस्पर पूजा करते थे। दोनों ही एक दूसरे के आराध्य हैं। सामान्य परम्परा के विरुद्ध यहाँ भगवान शिव की जलहरी, पूर्व दिशा में है। माना जाता है कि आते हुए अपने आराध्य श्रीराम के दर्शनार्थ भगवान शिव ने अपनी स्थिति बदल ली थी। अर्थात् वे मुड़कर श्रीराम को देखने लगे थे। […]

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2-146 पंचाप्सर सरोवर लोणार बुलढाणा महाराष्ट्र

श्रीराम को पंचाप्सर सरोवर में संगीत की ध्वनि सुनायी दी थी। यहाँ मण्डकरणी ऋषि 5 अप्सराओं के साथ जल में रहते थे। बुलढाणा जिले में लोणार में स्थित यह विश्व का अद्भुत स्थल है।

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2-147 रामेश्वर सिंदखेड़ राजा बुलढाणा महाराष्ट्र

बुलढाणा जिले के सिंदखेड राजा में एक अत्यन्त प्राचीन शिव मंदिर है। इसकी स्थापना श्रीराम ने की थी। पास ही जंगल में सीता नहानी है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। सिन्दखेड़राजा से नागरतास-शम्भू महादेवः- सिन्दखेडराजा-अदगांवराजा- सोनोशी-निमखेड़ कस्बा-सेवली-शम्भु सांवर गांव-नागर ताश। स. एच.-173, 39 कि.मी.

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2-148 नागरतास मंदिर जालना महाराष्ट्र

जालना जिले में शेवली के निकट श्रीराम ने किसानों को हल चलाना सिखाया था तथा शिव पूजा की थी। आज भी यहाँ के किसान शिव मंदिर में पूजा करते हैं तथा हल व लीक की पूजा की जाती है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे।

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2-149 शंभु महादेव जालना महाराष्ट्र

सावर गांव  शेवली तालुका में शम्भू सावर गांव के निकट श्रीराम ने शम्भू नामक दैत्य का वध किया था तथा भगवान शिव की पूजा की थी। मंदिर के पास कुण्ड है, जिसमें सदा जल भरा रहता है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। शम्भू महादेव से रामतीर्थः- लवनी-दम्मी -निपानी पोखरी-रनमूर्ति-सदर बाजार- […]

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2-150 रामतीर्थ जालना महाराष्ट्र

रामतीर्थ जालना एक लोक कथा के अनुसार श्रीराम ने जालना में दशरथ जी का श्राद्ध किया था। पुराण प्रसिद्ध कुण्डलिनी नदी के किनारे रामतीर्थ नाम का शमशान-घाट है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। रामतीर्थ जालना से श्रीराम मंदिर, रामस गांवः- यहाँ जाने के लिए मार्ग की दृष्टि से बहुचर्चित स्थान […]

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