Thursday, April 10, 2025

2-151 सीता नहानी अम्बड़ जालना महाराष्ट्र

सीता नहानी अम्बड़ के निकट ही पहाड़ी पर सीता नहानी मानी जाती है। परतंत्रता के काल में यहाँ ध्वस्त श्रीराम मंदिर के अवशेष अब भी कहीं-कहीं मिलते हैं। पूरे क्षेत्र में पानी का अभाव है केवल सीता नहानी पहाड़ी पर ही विपुल मात्रा में पानी मिलता है। श्रीरामेश्वर मंदिर से शनेश्वर मंदिरः- अम्बड़-रामनगर-श्शाहगढ़-राक्षस भुवन। जालना-बीड़ रोड […]

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2-152 रामेश्वर रामस गांव जालना महाराष्ट्र

रामेश्वर मंदिर, रामस गांव अम्बड़ तहसील के रामस गाँव में श्रीराम द्वारा स्थापित रामेश्वर लिंग, सीता माँ द्वारा स्थापित सिद्धेश्वर लिंग तथा लक्ष्मण जी द्वारा स्थापित लक्ष्मणेश्वर मंदिर गोदावरी नदी के तट पर हैं।

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2-153 शनैश्वर मंदिर राक्षसभुवन बीड़ महाराष्ट्र

शनैश्वर मंदिर के बारे में लोक मान्यताहै कि यहाँ श्रीराम पर शनि की साढे़साती लगी थी। उन्होंने शनि देव की यहाँ विशेष पूजा अर्चना की थी। आज भी शनि को शांत करने के लिए दूर-दूर से लोग गोदावरी के किनारे शनि पूजा के लिए आते हैं। टिप्पणी प्रयास किया गया है कि सभी स्थलांे का […]

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2-154 अगस्त्य आश्रम, अंकई किला नासिक महाराष्ट्र

, अंकई किला की पहाड़ी की चोटी पर एक विशाल गुफा में अगस्त्यजी तथा श्रीराम, लक्ष्मण, जानकी का मंदिर है। पास ही 6 तालाब हैं, जिनमें स्वच्छ जल, सदा भरा रहता है। श्रीराम के वनवास काल में यहँा आने की लोक कथा प्रचलित है। अगस्त्य आश्रम से रामेश्वर पाटौदाः- अंकई किला-अंकई किला आर. एस. पाटोदा। […]

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2-155 रामेश्वर पाटौदा नासिक महाराष्ट्र

पंचवटी प्रवास के दौरान श्रीराम आस-पास के क्षेत्रों में भ्रमण करते रहे थे। तभी उन्होंने पाटौदा गाँव में रामेश्वर लिंग की स्थापना की थी। यहाँ स्थापित शिव लिंग में आज भी सर्वदा पानी रहता हैं। स्थानीय लोग इसे दवा (औषधि) के रूप में प्रयोग करते है। सम्भवतः यह अगस्त्य जी के भाई का आश्रम था। […]

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2-156 अगस्तेश्वर मंदिर नासिक महाराष्ट्र

नासिक से 16 कि.मी. उत्तर दिशा में एक अति प्राचीन अगस्त्येश्वर आश्रम माना जाता है। अब यहाँ पिंपलेश्वर महादेव के नाम से एक मंदिर निर्माणाधीन है। प्राचीन मंदिर ध्वस्त हो चुका है। यहीं श्रीराम व अगस्त्य मुनि की भेंट हुई थी। वा.रा. 3/12, 13 पूरे अध्याय, 6/123/46, मानस 3/11/1 से 3/12/9 तक। अगस्तेश्वर मंदिर से […]

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2-157 पंचवटी नासिक महाराष्ट्र

नासिक गोदावरी के किनारे पाँच वट वृक्षों का स्थान है। लोक विश्वास के अनुसार यहीं से रावण ने सीता माँ का अपहरण किया था। वा.रा. 3/15, 16, 46, 47, 48 पूरे अध्याय तथा 3/49/1 से 22, मानस 3/12/9 से 3/28 दोहे तक। नोटः पंचवटी, जन स्थान, सीता सरोवर, नासिक शहर में ही है अतः उनका […]

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2-158 जन स्थान नासिक महाराष्ट्र

नासिक में पंचवटी से 8-10 कि.मी. दूर गोदावरी तथा कपिला नदी के संगम पर श्री लक्ष्मण जी ने शूर्पणखां की नाक काटी थी। नासिका कर्तन् स्थल होने के कारण ही शहर का नाम नासिक है। त्रेता युग में ये क्षेत्र जन स्थान के नाम से प्रसिद्ध था । राक्षस राज रावण का यह प्रमुख केन्द्र […]

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2-159 सीता सरोवर नासिक महाराष्ट्र

पंचवटी से 4 कि.मी. उत्तर दिशा में म्हसरूल में दो सरोवर श्रीराम व सीता माँ के नाम पर हैं। दोनों इन सरोवरों में स्नान करते थे। 1975 के आपात् काल से पूर्व तक यहाँ विशाल मेले लगते रहे थे। गोस्वामी तुलसी दास ने मानस में 3/13/1 से 3/16/1 तक श्रीराम के पंचवटी प्रवास का वर्णन […]

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2-160 रामसेज पर्वत नासिक महाराष्ट्र

रामसेज पर्वत, नासिक से 16 कि.मी. दूर गुजरात मार्ग पेट रोड पर एक पहाड़ी पर श्री सीता रामजी के विश्राम स्थल की मान्यता है। यहाँ सीता रामजी के नाम पर दो कुण्ड भी हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस क्षेत्र में काँटे नहीं हैं तथा मखमली घास है। वा.रा. 3/16/25 मानस 3/13/1 से 3/16/1

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