2-231 रामनाथ मंदिर रामेश्वरम धाम रामनाथपुरम तमिलनाडु
रामनाथ मंदिर यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। श्रीराम ने इसकी स्थापना की थी। मंदिर विश्व के भव्यतम तथा विशालतम मंदिरों में से एक है।
Read moreरामनाथ मंदिर यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। श्रीराम ने इसकी स्थापना की थी। मंदिर विश्व के भव्यतम तथा विशालतम मंदिरों में से एक है।
Read moreश्रीराम ने विभीषण केे अनुरोध पर धनुष की नोक से पुल तोड़ दिया था। वह स्थान आज भी धनुषकोटि के नाम से प्रसिद्ध है। वा.रा. 6/123/19, 20 मानस 6/1/2 से 6/2/3
Read moreतुंगभद्रा नदी यहाँ धनुषाकार घुमाव लेती है। इसे चक्रतीर्थ कहा जाता है। जब श्रीराम पुष्पक विमान से अयोध्या जा रहे थे तब मां सीता के आग्रह पर विमान यहां उतारा था। बाद में सुग्रीव ने यहां कोदण्ड राम मंदिर बनवाया था।
Read moreअयोध्या जी नन्दी ग्राम के पास भादर्शा नामक एक बाजार है। भादर्शा का अर्थ है-भये दर्शन। अयोध्यावासियों को श्रीराम के पुष्पक विमान में दर्शन हुए थे। वा.रा. 6/127/30 से 39, मानस 7/4 दोहा 7/4 ख दोहा।
Read moreरामकुण्ड अयोध्या जी में विमान जहाँ उतरा वहाँ पुष्पक विमान की स्मृति में पुष्पकपुरी बसाई गयी थी। कालान्तर में उसी का अपभ्रंश हो गया पुहपी। पुहपी गाँव के पास ही रामकुण्ड नामक एक विशाल सरोवर श्रीराम के यहाँ पदार्पण का आज भी स्मरण कराता है। व.रा. 6/127/30 से 35 मानस 7/4क दोहा
Read moreनन्दी ग्राम में भरत जी तपस्या करते हुए श्रीराम के वापस अयोध्या आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी समय श्रीराम ने हनुमान जी को अपने समाचार देकर भरत जी से मिलने भेजा था। इस स्थल पर हनुमान जी व भरत जी की भावुक भेंट हुई थी।
Read moreनन्दीग्राम में भरतजी ने 14 वर्ष तक रहकर श्रीराम के चरण पादुकाओं का आश्रय लेकर अयोध्या जी का राज्य किया था। अयोध्या जी से लगभग 10 कि.मी. दूर यहीं श्रीराम तथा भरतजी का भावुक मिलन हुआ था। वा.रा. 2/112/ 23, 24, 25, 29, 6/127/36 से 54 मानस 2/315/2, 3, 2,/323/1, 2, 7/0/ दोहा से 7/2 […]
Read moreश्रीराम ने पहले भरत तथा लक्ष्मण की जटाएँ साफ करवायीं तथा फिर अपनी जटाएँ साफ करवायीं तथा शोभा यात्रा के साथ अयोध्या जी में प्रवेश किया। नन्दी ग्राम के पास ही यह जटाकुण्ड स्थित है। वा.रा. 6/128/13, 14, 15, मानस 7/10/1 से 4
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