Thursday, November 21, 2024

2-245 सीता कुण्ड बीकापुर

रावण वध के कारण श्रीराम व सीता जी पर ब्रह्महत्या का पाप लगा हुआ था। श्रीराम ने सीता जी के ब्रह्महत्या से छुटकारे के लिए यहाँ एक बड़ा यज्ञ किया था तथा ब्राह्मणों को अमित दान दिया था। वा.रा. 6/128/95, मानस 7/23/1 सीता कुण्ड से धो पाप कुण्डः- बीकापुर-कूरेभार-रतनपुर-सुल्तानपुर -महावीरन-लम्भुआ-धोपाप, धोपाप रोड़  से – 74 […]

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2-246 धो पाप कुण्ड लम्बुआ उत्तर प्रदेश

धो पाप कुण्ड श्रीराम ने ब्रह्महत्या से छुटकारे के लिए कई स्थानों पर यज्ञ व दान किये थे। गोमती नदी के तट पर वशिष्ठ जी की आज्ञा से श्रीराम ने बड़ा यज्ञ तथा दान किया था तथा पूरे  परिवार ने गोमती नदी में स्नान किया था। वा.रा. 6/128/95, मानस 7/23/1 धोपाप से मकरी कुण्डः- धोपाप- शाहगढ- […]

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2-247 मकरी कुण्ड, बिजेथुवा

इस स्थल पर श्रीराम स्वयं नहीं गये थे। यहाँ लक्ष्मण मूर्छा के बाद संजीवनी बूटी लेने जाते समय हनुमान जी को कालनेमी राक्षस ने कपट रूप में रोकने का असफल प्रयास किया था। यहाँ हनुमान जी ने मकरी का उद्धार किया था तथा कालनेमी का वध किया था। इस स्थान को माहावीरन भी कहते हैं। […]

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2-248 जनकौरा फैजाबाद उत्तर प्रदेश

दशरथ जी के स्वर्गवास के बाद राजकाज भरत जी के नियंत्रण में आया था। भरत जी को बालक समझ कर राजा जनक उनकी सहायता एवं मार्गदर्शन के लिए कुछ काल तक अयोध्या जी में रहे थे। क्योंकि पिता का पुत्री की ससुराल में रहना नैतिक नहीं माना जाता। इसलिए राजा जनक ने कुछ भूमि अपने […]

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2-249 गुप्त हरि घाट ( गुप्तार घाट )

श्रीराम की लीला का यह अंतिम स्थल है। अखण्ड ब्रह्माण्ड के महानायक, जगत के आधार श्रीराम ने अपनी लीला सम्पन्न कर अयोध्या जी के सभी चर-अचर जीवों के साथ यहीं सरयू जी में प्रवेश कर वे अपने परम धाम को पधारे थे। वा.रा. 7/107 से 110 तक पूरे अध्याय

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