Wednesday, April 2, 2025

2- 19 अक्षयवट प्रयागराज उत्तर प्रदेश

माँ सीता ने अक्षयवट की पूजा व परिक्रमा की थी। अक्षय का अर्थ है जिसका क्षय (नाश) नहीं होता। ग्रंथ उल्लेख मानस 2/104/4 आगे का मार्ग अक्षयवट से यमुना घाट जलालपुरः- इलाहाबाद-किला-एम.जी.रोड- जलालपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से 12 कि.मी.

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2-20 यमुनाघाट जलालपुर प्रयागराज उत्तर प्रदेश

श्री सीता राम जी ने यहाँ यमुना के तट पर रात्रि विश्राम किया था। वा.रा. 2/55/23 यमुनाघाट जलालपुर से सीता रसोईः- सिमरी – दरवारी – कचहरी – राष्ट्रीय राजमार्ग 76-शंकरगढ़-गंभीरपुर-उमापुर-जसरा-गौहनिया – घूरपुर – मनकुआर। राष्ट्रीय राजमार्ग 76 से 44 कि.मी.।नोट: यात्री को चाहिए कि जलालपुर घाट पर अपना वाहन छोडकर नाव से यमुनाजी पार कर […]

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2-21 सीता रसोई जसरा बाजार प्रयागराज उत्तर प्रदेश

घूरपुर तथा जसरा बाजार से पूर्व दिशा में यमुनाजी के किनारे भगवान शिव के एक प्राचीन मंदिर के निकट ही अत्यन्त प्राचीन गुफा है। एक छोटी सी पहाड़ी पर बनी इस गुफा में पहाड़ी पर खोद कर चित्र बनाये गये हैं। स्थानीय लोग इसे सीता रसोई कहते हैं। ग्रंथ उल्लेख वा.रा. 2/55/23 से 33, मानस […]

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2-22 शिव मंदिर ऋषियन प्रयागराज उत्तर प्रदेश

ऋषियन शब्द ऋषियों का अपभ्रंश है। रामायण काल में यहाँ ऋषि मंडल था। यहाँ पहुँचने के लिए शंकर गढ़, मऊ होते हुए कोटरा गाँव तक पक्की सड़क है। श्रीराम इधर से ही गये थे। ग्रंथ उल्लेख वा.रा. 2/55/23 से 33, मानस 2/109 दोहा से 2/111/1, 2/220/1, 2 आगे का मार्ग शिव मंदिर से सीता पहाड़ीः- […]

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2-23 सीता रसोई जनवां प्रयागराज उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिले में टकटई गाँव से 3 कि.मी. तथा ऋषियन से 6 कि.मी. दूर जनवां में एक पहाड़ी पर एक चिकनी शिला है। इस शिला पर सीता माँ ने चावल पसाये थे। गुफा के द्वार पर चित्रलिपि में कुछ लिखा है जो अभी तक पढ़ा नहीं जा सका। सीता रसोई के प्रति […]

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2-24 सीता पहाड़ी चित्रकूट उत्तर प्रदेश

गहरे जंगल में सीता रसोई से लगभग 4 कि.मी. दूर सीता पहाड़ी है। श्री सीता राम जी ने यहाँ विश्राम किया था। गुफा के द्वार पर चित्रलिपि की कहानी सीता रसोई की तरह यहाँ भी रहस्य बनी हुई है। ग्रंथ उल्लेख वा.रा. 2/55/23 से 33, मानस 2/109 दोहा से 2/111/1, 2/220/1, 2 आगे का मार्ग […]

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2-25 तापस हनुमान मंदिर मुरका धाम चित्रकूट उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में यमुना जी के तट पर अवस्थित मुरका धाम में तापस हनुमान की एक विलक्षण प्रतिमा है । नृत्य मुद्रा में विराजमान हनुमान जी के ये विग्रह अत्यंत जागृत माने जाते हैं । पूजन में नियम निष्ठा में कोई चूक हो जाये तो पुजारी को कठोर दंड भुगतना पड़ता है […]

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2-26 दशरथ कुण्ड लोरी चित्रकूट उत्तर प्रदेश

दशरथ कुण्ड लोरी लोक मान्यता के अनुसार ‘लोरी‘ के निकट पहुँचकर श्रीराम को दशरथ जी के स्वर्गवास का आभास हो गया था। अतः उन्होेंने सीताजी तथा लक्ष्मण जी को जानकारी दिये बिना दशरथ जी का श्राद्ध किया था। जन श्रुतियों के आधर पर तथा परिस्थितिजन्य।

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2-27 कुमारद्वय रामनगर चित्रकूट उत्तर प्रदेश

कुमारद्वय रामनगर  इलाहाबाद -चित्रकूट मार्ग पर राम नगर गाँव के पास कुमारद्वय नामक विशाल तालाब है। स्थानीय भाषा में इसे कुंवर दो कहते हैं। दोनों भाइयों ने यहाँ स्नान कर शिव पूजा की थी।मानस 2/123/2कुमारद्वय से वाल्मीकि आश्रम:- रामनगर – पहाड़ी तेंदुआ – खुर्द – बंधी – रामकोल-लालापुर। राष्ट्रीय राजमार्ग 76 से 16 कि.मी.।

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2-28 वाल्मीकि आश्रम लालापुर चित्रकूट उत्तर प्रदेश

वाल्मीकि आश्रम लालापुर गाँव के पास एक पहाड़ की कठिन चढ़ाई के बाद चोटी पर महर्षि वाल्मीकि का एक प्राचीन आश्रम है। यहाँ श्रीराम की मुनि से भेंट हुई थी। लालापुर गाँव के पास वाल्मीकि नामक नदी भी प्रवाहित होती है। वा.रा. 2/56/16, 17, 18, मानस 2/123/3 से 2/132 दोहा। वाल्मीकि आश्रम से चित्रकूट दर्शनः- […]

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