Tuesday, April 1, 2025

1-22 रामचौरा मंदिर हाजीपुर वैशाली बिहार

रामायण वर्णन के अनुसार तीनों ने गंगा पार कर एक रात्रि विशाला नगरी में विश्राम किया था। रामजी को विश्वामित्र मुनि ने विशाला नगरी के बारे में विस्तार से बताया । वहां के तत्कालीन राजा सुमति मुनि के दर्शन के लिये यहां आये और दशरथ नंदन से मिलकर बड़े प्रसन्न हुए थे । समकाल में […]

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1-23 गौतम आश्रम अहियारी दरभंगा बिहार

बिहार के दरभंगा जिले में अहियारी में अवस्थित गौतम आश्रम अहल्या आश्रम के रूप में भी प्रसिद्ध है । वाल्मीकि रामायण के अनुसार गौतम मुनि का आश्रम मिथिला के एक उपवन में था जहाँ अहिल्या शिला रूप में थी। यह स्थान अब अहियारी के नाम से प्रसिद्ध है।

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1-24 विश्वामित्र आश्रम बिशौल मधुबनी बिहार

वाल्मीकि रामायण के अनुसार जनकपुर पहुंच कर मुनि विश्वामित्र, रामजी और भैया लखनलाल ने जनकजी के उपवन में डेरा डाला था। जिस स्थान पर वे रुके वहाँ आज भी विश्वामित्र मुनि का आश्रम है। विश्वामित्र का ही अपभ्रंश बिसोल है। वा.रा. 1/50/4 से 25 मानस 1/213/2, 3, 4, 1/214 दोहा से 1/216/4 विश्वामित्र आश्रम से […]

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1-25 गिरिजा मंदिर फुलहर मधुबनी बिहार

बिहार के मधुबनी जिले के फुलहर गांव में ऐतिहासिक गिरिजा मंदिर है ।प्राचीन काल में यहाँ उपवन के बीच गिरिजा माता का मंदिर बना हुआ था। मिथिला नरेश जनक के महल के नजदीक अवस्थित इस उपवन में तरह तरह के फूल और फल वृक्ष थे । माता जानकी अपनी बाल्यावस्था से ही यहाँ गौरी पूजन […]

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1-26 बाग तड़ाग फुलहर मधुबनी बिहार

बिहार के मधुबनी जिले के फुलहर गांव में ऐतिहासिक तालाब है जिसके चारों तरफ प्राचीन काल में उपवन था। मिथिला नरेश जनक के महल के नजदीक अवस्थित इस उपवन में तरह तरह के फूल और फल वृक्ष थे । श्री रामचरित मानस के अनुसार यहां माँ सुनयना ने सीता मां को गिरिजा पूजन के लिए […]

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1-27 लक्ष्मी नारायण मठ मटिहानी नेपाल

लक्ष्मीनारायण मंदिर नेपाल के मटिहानी में अवस्थित है । भगवान श्रीराम और सीता मां के विवाह की वेदी बनाने के लिए यहां से माटी ले जायी गयी थी। आज भी मिथिला में विवाह की बेदी के लिए यहां से माटी ले जाई जाती है। यहाँ श्री सीता राम जी लक्ष्मी नारायण के अवतार के रूप […]

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1-28 बसहैया जनकपुर नेपाल

श्रीराम चरित मानस के अनुसार श्री राम सहित चारों भाइयों के विवाह के लिए बहुत सुन्दर मंडप का निर्माण किया गया था। मण्डप में बड़ी संख्या में बाँसों का प्रयोग हुआ था तथा इसी जंगल से बाँस काट कर ले जाए गये थे। आज भी कन्याओं के विवाह में प्रतीक रूप में यहां से बाँस ले जाए जाते हैं।

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1 – 29 दूधमती नदी जनकपुर नेपाल

माना जाता है कि सीता जी के विवाह में जल की व्यवस्था के लिए नदी का उद्गम खोज कर उसे विकसित किया गया था । नदी का जल दूध की भांति धवल है इसलिए नाम दूधमती नदी है। अब नेपाल की शिवभक्त जनता यहां से काँवड़ भर कर भगवान शिव का जलाभिषेक करती है । […]

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1-30 जानकी मंदिर जनकपुर नेपाल

आप इस क्षण जगत जननी जानकी की जन्मभूमि जनकपुर धाम में अवस्थित जानकी मंदिर के दर्शन कर रहे हैं । त्रेतायुग में माता जानकी की बाल्यावस्था यहीं बीती । ये मंदिर टीकमगढ़ की राजमाता वृषभानु लली ने आज से सैकड़ों वर्ष पहले बनवाया

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1 – 31 रंगभूमि जनकपुर नेपाल

जानकी मंदिर के पास एक विशाल मैदान है। लोक मान्यता के अनुसार इसी मैदान में देश विदेश के बलशाली राजाओं के बीच शंकर जी का पिनाक धनुष तोड़कर श्रीराम ने सीता जी से विवाह की शर्त पूर्ण की थी। श्री रामचरित मानस में भी इसे रंगभूमि कहा है। ये नेपाल का अत्यंत प्रसिद्ध मैदान है […]

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