1-30 जानकी मंदिर जनकपुर नेपाल
आप इस क्षण जगत जननी जानकी की जन्मभूमि जनकपुर धाम में अवस्थित जानकी मंदिर के दर्शन कर रहे हैं । त्रेतायुग में माता जानकी की बाल्यावस्था यहीं बीती । ये मंदिर टीकमगढ़ की राजमाता वृषभानु लली ने आज से सैकड़ों वर्ष पहले बनवाया । माता की अपार कृपा उन पर बरसती थी । उस समय नौ लाख रूपये खर्च कर इस मंदिर का निर्माण हुआ इसलिये इसे नौलखा मंदिर भी कहा जाता है ।
जनकपुर नेपाल ही नहीं अपितु दुनिया भर के लोगों के लिये अत्यंत पावन तीर्थ है । भगवान राम और माता जानकी का परिणय धनुष भंग के पश्चात जनकपुर में हुआ था । ब्रह्मर्षि राजा जनक अपने युग के प्रख्यात नरेश थे ।
त्रेता युग के बाद मिथिला राज्य के अंतिम नरेश के रूप में कराल जनक का उल्लेख चाणक्य अपने अर्थशास्त्र में करता है । सुश्रुत संहिता के उत्तर तंत्र खंड में नेत्र चिकित्सा अध्याय में भी जनक का उल्लेख नेत्र चिकित्सा के सर्वोत्कृष्ट सर्जन के रूप में किया गया है । ये दो उल्लेख इस तथ्य को प्रमाणित करने के लिये पर्याप्त हैं कि रामजी की कथा केवल धार्मिक साहित्य नहीं अपितु भारत वर्ष के प्राचीन इतिहास के महत्वपूर्ण अंग हैं ।
Jai Shre Ram
जय सिया राम
जय जय सियाराम
माता जानकी मंदिर में आपका अभिनंदन
दुल्हा सरकार श्री राम के अनुग्रह और माता जानकी की कृपा से आपकी सारी मनोकामनायें पूरी हों